हार्ट अटैक में CPR: कब ज़रूरी, कैसे पहचानें? हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. राकेश जैन से जाने
आज के समय में हार्ट अटैक अचानक और बिना चेतावनी के भी हो सकता है। ऐसे में आसपास के लोगों की तेज़ और सही प्रतिक्रिया किसी की जान बचा सकती है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि अधिकतर लोग यह तय ही नहीं कर पाते कि हार्ट अटैक में CPR देना चाहिए या नहीं। क्या बेहोशी का मतलब हार्ट अटैक है? क्या हर गिरे हुए व्यक्ति को CPR देना सही है? इन सभी सवालों का जवाब समझना बेहद आवश्यक है।
इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि हार्ट अटैक में CPR कब ज़रूरी होता है, कैसे पहचाना जाए कि CPR की आवश्यकता है, और कौन-सी आम गलतफहमियाँ इस प्रक्रिया को और उलझा देती हैं।

क्या हर बेहोश व्यक्ति को CPR देना चाहिए?
बहुत से लोग मान लेते हैं कि अगर कोई व्यक्ति गिर जाए, चक्कर आ जाए या अचानक बेहोश हो जाए, तो इसका मतलब हार्ट अटैक है और तुरंत CPR देना शुरू कर देना चाहिए। लेकिन यह एक बड़ी गलतफहमी है।
बेहोशी के कई कारण हो सकते हैं—
- अचानक ब्लड प्रेशर नीचे आ जाना
- खून की कमी
- कमजोरी
- पानी की कमी
- स्ट्रोक
- या किसी भी तरह का तनाव
इसलिए सिर्फ बेहोश होने का मतलब यह नहीं कि व्यक्ति को हार्ट अटैक आया है और आपको हार्ट अटैक में CPR देना ही चाहिए।
CPR कब ज़रूरी है? सही पहचान कैसे करें?
सबसे महत्वपूर्ण कदम है pulse चेक करना।
हाथ (wrist pulse) की नाड़ी कई बार कमजोर या महसूस न होने वाली होती है, इसलिए सही तरीका है गले की धमनियों (carotid artery) में नाड़ी देखना।
1. अगर गले की नाड़ी चल रही है
तो इसका मतलब है कि व्यक्ति की हार्ट बीट मौजूद है।
ऐसी स्थिति में CPR देना नुकसानदायक हो सकता है।
यह बेहोशी हो सकती है:
- लो ब्लड प्रेशर
- कमजोरी
- dehydration
- anemia
ऐसे में करना चाहिए:

- व्यक्ति को जमीन पर लिटाएँ
- उसके दोनों पैरों को एक-एक करके ऊपर उठाएँ
इससे दिमाग तक खून की सप्लाई बहाल होती है और अक्सर मरीज कुछ समय में ठीक हो जाता है।
इस स्थिति को कभी भी हार्ट अटैक में CPR की स्थिति नहीं माना जाना चाहिए।
2. अगर गले की नाड़ी नहीं चल रही है (कोई धड़कन नहीं)
अब स्थिति गंभीर है, यह कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।
यहीं पर हार्ट अटैक में CPR देना सबसे ज़्यादा कारगर होता है।

CPR कैसे दें? सही तकनीक
जब स्पष्ट हो जाए कि नाड़ी नहीं है, तभी CPR शुरू करें:
- व्यक्ति को सीधा (supine position) लिटा दें
- अपने दोनों हाथ उसकी छाती के बीचों-बीच रखें
- तेज़ और निरंतर दबाव दें
- छाती हर प्रेस में 5–6 सेमी नीचे दबनी चाहिए
- एक मिनट में 90–120 compressions
CPR दिल की रुक चुकी पंपिंग को अस्थायी रूप से चलाए रखता है, जिससे दिमाग और जरूरी अंगों को ऑक्सीजन मिलती रहती है। इसीलिए कहा जाता है कि हार्ट अटैक में CPR समय पर दिया जाए, तो मरीज की जान बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
आम गलतफहमियाँ और उनके सही जवाब
गलतफहमी 1: बेहोशी = हार्ट अटैक
सच: बेहोशी कई कारणों से हो सकती है। केवल नाड़ी की अनुपस्थिति में ही हार्ट अटैक में CPR दिया जाता है।
गलतफहमी 2: हाथ की नाड़ी (jugular pulse) से पता चल जाएगा
सच: असली और विश्वसनीय जाँच है गले की नाड़ी (jugular pulse)। यहाँ हार्ट बीट सबसे अच्छी तरह महसूस होती है।
गलतफहमी 3: CPR दे देना गलत नहीं है, कुछ तो फायदेमंद होगा
सच: गलत स्थिति में CPR देना चोट, rib fracture और patient condition खराब कर सकता है।
इसलिए हार्ट अटैक में CPR तभी दें जब नाड़ी नहीं हो।
गलतफहमी 4: CPR सिर्फ डॉक्टर ही दे सकता है
सच: बेसिक CPR हर कोई सीख सकता है और दे सकता है। सही समय पर दिया गया हार्ट अटैक में CPR किसी भी व्यक्ति की जान बचा सकता है।

क्यों ज़रूरी है सही जागरूकता?
भारत में हर साल लाखों लोगों की मौत cardiac arrest और हार्ट अटैक के कारण होती है। मुश्किल यह है कि कार्डियक अरेस्ट घर में, सड़क पर, ऑफिस में—कहीं भी हो सकता है, और अस्पताल पहुँचने में देर हो जाए तो स्थिति गंभीर हो जाती है।
अगर आम लोगों में यह समझ बढ़े कि
- नाड़ी कैसे चेक करें
- कब CPR देना है
- और कब CPR नहीं देना है
हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. राकेश जैन का कहना सही समय पर सीपीआर से कई ज़िंदगियाँ बचाई जा सकती हैं। सही समय पर दिया गया हार्ट अटैक में CPR emergency care का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।
अक्सर पर पूछे जाने वाले आम प्रश्न (People Also Ask)
1. हार्ट अटैक में CPR कब देना चाहिए?
जब गले की नाड़ी न मिल रही हो और व्यक्ति सांस न ले रहा हो।
2. क्या बेहोशी में तुरंत CPR देना चाहिए?
नहीं, पहले pulse चेक करें।
3. CPR कितनी देर तक देना चाहिए?
जब तक मेडिकल सहायता न पहुँच जाए या व्यक्ति सांस लेना शुरू न कर दे।
4. क्या सामान्य लोग CPR दे सकते हैं?
हाँ, बेसिक CPR हर कोई सीख सकता है।
5. हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में क्या अंतर है?
हार्ट अटैक में ब्लड सप्लाई रुकती है, जबकि कार्डियक अरेस्ट में हार्ट बीट ही रुक जाती है—और यहीं हार्ट अटैक में CPR काम आता है।