जानिए भारत में 2025 में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के पीछे की वजह।

जानिए भारत में 2025 में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के पीछे की वजह।

जानिए भारत में 2025 में हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों के पीछे की वजह।

भारत में 2025 में हार्ट अटैक के बढ़ते मामले

भारत में पिछले कुछ वर्षों में युवाओं में अचानक हार्ट अटैक के मामले बढ़े हैं। यह चिंता का विषय है क्योंकि 25-45 वर्ष की आयु के लोग, जो स्वस्थ और सक्रिय जीवन जीते दिखाई देते हैं, अक्सर बिना किसी चेतावनी के गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार हो जाते हैं। इसके पीछे कई कारण हैं, जिनमें जीवनशैली, आनुवंशिकता, और पर्यावरणीय कारक शामिल हैं। आइए इन कारणों को विस्तार से समझें और जानें कि इंदौर जैसे शहरों में कार्डियोलॉजिस्ट (हृदय रोग विशेषज्ञ) कैसे इन समस्याओं के निदान और रोकथाम में मदद कर सकते हैं।


1. हृदय संबंधी समस्याएँ: सबसे बड़ा खतरा

भारत में अचानक मृत्यु का प्रमुख कारण हृदय रोग हैं। युवाओं में हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

  • कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD):
    खराब जीवनशैली, धूम्रपान, मोटापा, और तनाव के कारण युवाओं की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा होने लगता है। इससे हृदय को रक्त पहुँचाने वाली नलियाँ संकरी हो जाती हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
  • हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी (HCM):
    यह एक आनुवंशिक स्थिति है, जिसमें हृदय की मांसपेशियाँ मोटी हो जाती हैं। इससे हृदय की धड़कन अनियमित हो सकती है और अचानक मृत्यु हो सकती है।
  • हृदय की अनियमित धड़कन (Arrhythmia): इलेक्ट्रिकल सिग्नल की गड़बड़ी से हृदय की धड़कन अनियमित हो सकती है, जिससे अचानक मौत हो सकती है।

इंदौर के कार्डियोलॉजिस्ट  डॉ. राकेश जैन सलाह देते हैं कि नियमित ECG, इकोकार्डियोग्राम, और स्ट्रेस टेस्ट करवाकर इन समस्याओं का पता लगाया जा सकता है।


2. मस्तिष्क संबंधी समस्याएँ

  • ब्रेन स्ट्रोक या हैमरेज:
    उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, या धमनियों में कमजोरी के कारण मस्तिष्क की रक्त वाहिकाएँ फट सकती हैं। इससे अचानक बेहोशी, सिरदर्द, या मृत्यु हो सकती है।
  • एन्युरिज्म:
    मस्तिष्क की धमनियों में गांठ बनने से अचानक रक्तस्राव हो सकता है। यह युवाओं में तनाव और धूम्रपान के कारण बढ़ रहा है।

3. ड्रग ओवरडोज और शराब का अत्यधिक सेवन

युवाओं में नशीले पदार्थों का सेवन एक गंभीर समस्या है। कोकीन या हेरोइन जैसी ड्रग्स हृदय की गति को अनियंत्रित कर देती हैं, जिससे कार्डियक अरेस्ट हो सकता है। शराब का अधिक सेवन लीवर और हृदय दोनों को नुकसान पहुँचाता है।


4. श्वसन प्रणाली की समस्याएँ

  • अस्थमा का गंभीर दौरा: प्रदूषण और एलर्जी के कारण अस्थमा के मरीजों में साँस लेने में असमर्थता हो सकती है।
  • पल्मोनरी एम्बोलिज़्म: पैरों में बना रक्त का थक्का फेफड़ों तक पहुँचकर जानलेवा हो सकता है। इंदौर जैसे शहरों में वायु प्रदूषण इसका प्रमुख कारण है।

5. जीवनशैली और तनाव (Lifestyle and Stress)

आजकल की तेज़-तर्रार ज़िन्दगी और बढ़ते तनाव के कारण युवाओं में उच्च रक्तचाप, मानसिक तनाव और अनिद्रा जैसी समस्याएँ देखी जा रही हैं। इंदौर के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राकेश जैन बताते हैं कि तनाव और खराब जीवनशैली से हृदय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

जीवनशैली और तनाव (Lifestyle and Stress)

रोकथाम के उपाय

  1. नियमित हृदय जाँच: इंदौर के प्रमुख कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राकेश जैन के अनुसार, “30 वर्ष से अधिक उम्र के हर व्यक्ति को सालाना ECG और कोलेस्ट्रॉल टेस्ट करवाना चाहिए।”
  2. जीवनशैली में सुधार: संतुलित आहार, योग, और धूम्रपान से परहेज।
  3. तनाव प्रबंधन: मेडिटेशन और पर्याप्त नींद।
  4. आपातकालीन लक्षणों को नज़रअंदाज न करें: सीने में दर्द, साँस लेने में कठिनाई, या अचानक चक्कर आने पर तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. अचानक मौत का सबसे आम कारण क्या है?

हृदय संबंधी समस्याएँ, विशेष रूप से कार्डियक अरेस्ट, अचानक मृत्यु का सबसे सामान्य कारण है। भारत में 60% से अधिक मामलों में हृदय की गड़बड़ी जिम्मेदार होती है।

2. मृत्यु के तत्काल लक्षण क्या हैं?

  • सीने में तेज दर्द या दबाव
  • साँस लेने में अत्यधिक कठिनाई
  • अचानक बेहोशी या चक्कर आना
  • हाथ-पैरों में कमजोरी या सुन्न होना
  • धुंधला दिखाई देना या बोलने में परेशानी

3. अचानक मौत का कारण क्या हो सकता है?

  • हृदय रोग (जैसे हार्ट अटैक, अतालता)
  • मस्तिष्क में रक्तस्राव (ब्रेन स्ट्रोक)
  • ड्रग ओवरडोज या शराब की अधिकता
  • गंभीर संक्रमण (सेप्सिस)
  • अनदेखी की गई आनुवंशिक स्थितियाँ

निष्कर्ष

भारत में कम उम्र में अचानक मृत्यु के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह मुख्य रूप से हृदय रोग, तनाव, अस्वास्थ्यकर जीवनशैली, मोटापा और सड़क दुर्घटनाओं के कारण हो सकता है। युवाओं को चाहिए कि वे संतुलित आहार लें, नियमित व्यायाम करें, तनाव को कम करें और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करवाएँ।

अगर आप या आपके परिवार में किसी को हृदय संबंधी कोई समस्या महसूस हो रही है, तो तुरंत किसी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राकेश जैन से परामर्श करें। समय रहते सही कदम उठाने से इन गंभीर परिस्थितियों से बचा जा सकता है। याद रखें, स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है।

Follow Us-

Leave a Comment

Your email address will not be published.