The Best Heart Doctor in Indore says ब्लड प्रेशर के मरीजों को डिजिटल मशीन पर आंख बंद करके भरोसा नही करना चाहिए। समय-समय पर पारा (Mercury) मशीन से क्रॉस चेक करना भी जरूरी है। ज्यादातर लोग डिजिटल मशीनों से Blood Pressure चेक करवाकर निश्चिंत हो जाते हैं जो कि गलत है। हर छह माह में पारा मशीन से या अधिकृत डीलर (Authorized Dealer) के पास आवश्यकता अनुसार ब्लड प्रेंशर मशीन को कैलिब्रेट (मापांकन) करना जरूरी है। यह कैलिब्रेशन दिखाता है कि मशीन सही परिणाम दे रही है या नहीं। गलत परिणाम रोगी के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
उपरोक्त जानकारी महावीर हार्ट क्लिनिक गीता भवन के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ राकेश जैन ने वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे (World Hypertension Day) के मौके पर आयोजित अवेयरनेस पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए दी । उन्होंने कहा कि कम उम्र के लोगों में हाई बीपी की शिकायत होना ठीक नहीं है। काम का दबाव और असंतुलित दिनचर्या, जंक फूड का सेवन और सिगरेट और शराब का सेवन इसके सबसे बड़े कारणों में से एक है।
भारत में इस समय 2 करोड़ लोग हाइपरटेंशन की समस्या से जूझ रहे हैं, यानी देश का हर पांचवां व्यक्ति हाइपरटेंशन की समस्या से जूझ रहा है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि लोगों को यह नहीं पता कि यह बीमारी कितनी गंभीर है। ICMR की रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ 28% लोग ही अपनी बीमारी के बारे में जानते हैं और 15% लोग ही इसका इलाज करवा रहे हैं।
कुल बीमार लोगों में से 12.50 फीसदी का बीपी कंट्रोल में है। हाई बीपी से बचने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल का होना जरूरी है। आहार में हरी सब्जियां, सलाद, भरपूर पानी, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का प्रयोग सबसे जरूरी है। रोजाना कम से कम 45 मिनट योग और व्यायाम करना चाहिए।
हाई बीपी से बचने के लिए 7 से 8 घंटे की नींद भी जरूरी है। जो लोग धूम्रपान करते हैं और शराब का सेवन करते हैं वे जल्द ही इस बीमारी के शिकार हो जाते हैं, उन्हें अपनी आदत बदलनी चाहिए और समय-समय पर बीपी की जांच कर हृदय रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।